पति: कुछ नहीं, अलाह सिर्फ मजलूम की ही सुनता है!
तू करता वो है, जो तू चाहता है;
पर होता वो है, जो मैं चाहती हूँ!
तू वो कर, जो मैं चाहती हूँ;
फिर वो होगा, जो तू चाहता है!
जीतो: तुम्हें ऐसा क्यों लगा?
संता: तुझे देख कर आज कल रोटियाँ भी जल रही है!
संता: मैं तुमसे इतना प्यार करता हूँ कि तुम्हारा जूठा जहर भी पी सकता हूँ, अगर यकीन न हो तो आजमा कर देख लो!
संता: सोर्री यार! मुझे पता नहीं था कि तुम्हारी शादी, मुझसे ही होगी!
संता (झूमते हुए): तुम कौन?
प्रीतो: चुड़ैल!
संता: हाथ मिला! मैं तेरी बहन का पति
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